हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "अलक़ाफी" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार हैं।
:قال الامیر المومنین علیه السلام
إنّ الإيمانَ ما وَقَرَ في القلوبِ و الإسلامَ ما علَيهِ المَناكِحُ و المَوارِيثُ و حَقْنُ الدِّماءِ
हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
ईमान वह है जो दिल में बसा होता है और इस्लाम वह चीज़ है जो शादी, विरासत और आत्मा के सम्मान पर आधारित है।
अलक़ाफी,2/26/3